Bengal: बिहार के छात्रों की पिटाई पर बवाल, बीजेपी का ममता सरकार पर हमला, टीएमसी ने बताया स्थानीय मामला
Bengal: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बिहारी छात्रों की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस घटना को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। BJP ने इस मुद्दे पर ममता बनर्जी सरकार पर फिर से हमला बोला है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) इस घटना को एक “स्थानीय मामला” बताकर पल्ला झाड़ रही है। हालांकि, जब मामला बढ़ा, तो बंगाल पुलिस ने इस घटना के मुख्य आरोपी राजत भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया।
पूरा मामला क्या है?
यह घटना सिलीगुड़ी की है, जहां बिहार से आए छात्र स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) जनरल ड्यूटी की परीक्षा देने पहुंचे थे। बिहार के दानापुर निवासी अंकित यादव और उनके दोस्त एक कमरे में सो रहे थे, तभी कुछ लोग जबरन उनके कमरे में घुस गए। इन लोगों ने दोनों छात्रों को जबरन उठाकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी। छात्रों को धमकाया गया और उन्हें “बाहरी” कहकर उनके दस्तावेज मांगे गए। कुछ लोग खुद को बंगाल पुलिस से और कुछ इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) से बताकर धमका रहे थे।
इन छात्रों को यह कहते हुए धमकाया गया कि वे फर्जी दस्तावेज लेकर परीक्षा देने आए हैं और बंगाल के स्थानीय लोगों की नौकरियां छीनने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, छात्रों ने बार-बार समझाने की कोशिश की कि वे जल्द ही सिलीगुड़ी छोड़ देंगे, लेकिन उन गुंडों ने उन्हें नहीं छोड़ा और उनसे कान पकड़कर उठक-बैठक करने को मजबूर किया। जब छात्रों ने हार मानकर उनके पैरों में गिरकर माफी मांगी, तब भी उन गुंडों ने कोई रहम नहीं दिखाया।
वीडियो वायरल होने पर मचा हंगामा
इस घटना का वीडियो उन लोगों ने खुद सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया। जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, बंगाल से लेकर बिहार तक हड़कंप मच गया। इस घटना ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया, जिसमें BJP और TMC के बीच तीखी बहस छिड़ गई है।
आरोपी गिरफ्तार
इस घटना के बाद, बिहार पुलिस की शिकायत पर सिलीगुड़ी पुलिस ने छात्रों की पिटाई के आरोपी राजत भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया है। राजत भट्टाचार्य एक संगठन ‘बंगला पाखो’ का सदस्य है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। यह संगठन पहले भी पश्चिम बंगाल में हिंदी में लिखे गए साइनबोर्ड हटाने का अभियान चला चुका है।
राजत भट्टाचार्य का आरोप है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के युवक फर्जी प्रमाणपत्रों के साथ SSC की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं और बंगाल के स्थानीय लोगों की नौकरियां छीन रहे हैं। हालांकि, उनके इस आरोप के बावजूद कानून ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है और पुलिस इस मामले की पूरी गहनता से जांच कर रही है।
TMC ने इसे बताया स्थानीय मामला
इस घटना के बाद राजनीति तेज हो गई है। BJP के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में बिहारी छात्रों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, TMC ने गिरिराज सिंह के आरोपों को खारिज करते हुए इसे “स्थानीय मामला” करार दिया है।
TMC नेता कुनाल घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में देश के हर नागरिक का स्वागत है और यहां किसी का विरोध नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस वीडियो की बात की जा रही है, वह एक स्थानीय मामला है और बंगाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। TMC ने BJP पर राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
राजनीतिक बयानबाजी और विवाद
इस घटना के बाद, बिहार और बंगाल के बीच राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। गिरिराज सिंह और चिराग पासवान जैसे नेताओं ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। गिरिराज सिंह ने कहा कि बंगाल में बाहरी लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और ममता बनर्जी को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
चिराग पासवान ने भी कहा कि बिहार के छात्रों के साथ इस तरह की बदसलूकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, TMC इस घटना को एक छोटा और स्थानीय मुद्दा बताने की कोशिश कर रही है। पार्टी का कहना है कि कुछ लोग बंगाल की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और पुलिस इस मामले की पूरी गंभीरता से जांच कर रही है।
बंगाल-बिहार संबंधों पर असर
इस घटना के बाद, बिहार और बंगाल के बीच सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों पर भी सवाल उठने लगे हैं। दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध रहे हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं इन संबंधों पर असर डाल सकती हैं। खासकर बंगाल में रह रहे बिहारी समुदाय के लोग अब अपनी सुरक्षा और सम्मान को लेकर चिंतित हो गए हैं।
पुलिस की कार्रवाई और न्याय की उम्मीद
सिलीगुड़ी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे उम्मीद है कि दोषियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा मिलेगी। हालांकि, ऐसी घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि क्या विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारे और सौहार्द की भावना बरकरार रह पाएगी?
आने वाले दिनों में बंगाल में होने वाले चुनावों को देखते हुए, यह मामला राजनीतिक गलियारों में और जोर पकड़ सकता है। अब यह देखना बाकी है कि ममता बनर्जी सरकार इस मामले को कैसे संभालती है और क्या पीड़ित छात्रों को न्याय मिल पाता है या नहीं।